जानिए कुछ महत्वपूर्ण आर्थिक योगो के बारे में...
नृप योग (Nrup Yoga) ----नाम से ही ज्ञात होता है कि यह जिस व्यक्ति की कुण्डली Kundli में बनता है वह राजा के समान जीवन जीता है। इस योग का निर्माण तब होता है जब व्यक्ति की जन्म कुण्डली में तीन या उससे अधिक ग्रह उच्च स्थिति में रहते हैं। अमला योग (Amla Yoga) भी शुभ और महान योगों में से माना जाता है। यह योग तब बनता है जब जन्म पत्रिका में चन्द्रमा से दशम स्थान पर कोई शुभ ग्रह स्थित होता है। इस योग के साथ जन्म लेने वाला व्यक्ति अपने जीवन में धन, यश और कीर्ति हासिल करता है।
गजकेशरी योग (Gajkesari Yoga) ----को असाधारण योग की श्रेणी में रखा गया है। यह योग जिस व्यक्ति की कुण्डली में उपस्थित होता है उस व्यक्ति को जीवन में कभी भी अभाव नहीं खटकता है। इस योग के साथ जन्म लेने वाले व्यक्ति की ओर धन, यश, कीर्ति स्वत: खींची चली आती है। जब कुण्डली में गुरू और चन्द्र पूर्ण कारक प्रभाव के साथ होते हैं तब यह योग बनता है। लग्न स्थान में कर्क, धनु, मीन, मेष या वृश्चिक हो तब यह कारक प्रभाव के साथ माना जाता है। हलांकि अकारक होने पर भी फलदायी माना जाता परंतु यह मध्यम दर्जे का होता है। चन्द्रमा से केन्द्र स्थान में 1, 4, 7, 10 बृहस्पति होने से गजकेशरी योग बनता है। इसके अलावा अगर चन्द्रमा के साथ बृहस्पति हो तब भी यह योग बनता है।
पारिजात योग (Parijat Yoga) ---भी उत्तम योग माना जाता है लेकिन इस योग की विशेषता यह है कि यह जिस व्यक्ति की कुण्डली में होता है वह जीवन में कामयाबी और सफलता के शिखर पर पहुंचता है परंतु रफ्तार धीमी रहती है यही कारण है कि मध्य आयु के पश्चात इसका प्रभाव दिखाई देता है। पारिजात योग का निर्माण तब होता है जबकि जन्म पत्रिका में लग्नेश जिस राशि में होता है उस राशि का स्वामी कुण्डली में उच्च स्थान पर हो या अपने घर में हो।
छत्र योग (Chhatra Yoga) ----जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका /Kundli में होता है वह व्यक्ति जीवन मे निरन्तर प्रगति करता हुए उच्च पद प्राप्त करता है। इस भगवान की छत्र छाया वाला योग कहा जा सकता है यह योग तब बनता है तब कि कुण्डली Kundli में चतुर्थ भाव से दशम भाव तक सभी ग्रह मौजूद हों या फिर दशम भाव से चतुर्थ भाव तक सभी ग्रह स्थित हों। तीन भावों में दो दो ग्रह हों तथा तीन भावों में एक एक ग्रह स्थित हों तब शुभ योग बनता है जो नन्दा योग (Nanda Yoga) के नाम से जाना जाता है। यह योग जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका में होता है वह स्वस्थ एवं दीर्घायु होता है। इस योग से प्रभावित व्यक्ति का जीवन सुखमय रहता है।

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