हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक शनिवार विशेष रूप से सूर्य पुत्र शनि की उपासना का विशेष दिन है। क्रूर स्वभाव वाले शनि की प्रसन्नता या रुष्ट होना इंसान के जीवन में सुख-दु:ख नियत करने वाला माना गया है। ज्योतिष शास्त्रों में भी शनि दृष्टि, दशा और चाल इंसान के जीवन में बड़ा फेरबदल लाने वाली मानी गई है।
कुण्डली में शनि दशा में अन्य ग्रहों से युति या दृष्टि से बने बुरे योग के कारण या शनि दोष इंसान की तन, मन और आर्थिक पीड़ा का कारण बन सकते हैं। जीवन में बाधक शनि के बुरे प्रभाव से रक्षा के लिये ही शनि उपासना के अलावा अन्य देवताओं की पूजा के छोटे-छोटे उपाय भी असरदार व शुभ माने गए हैं।
यहां बताए जा रहे हैं ऐसे ही कुछ उपाय -
- शनिवार को शनि व्रत कर शनिदेव पर तिल, सरसों या अन्य कोई मीठा तेल अर्पित कर कमजोर या ब्राह्मण को दान कर दें।
- श्री हनुमान की उपासना भी शनि दोष से रक्षा करती है। शनिवार को श्री हनुमान के चरणों में जाकर काली उड़द समर्पित शनि दोष शांति की कामना करें।
- शास्त्रों के मुताबिक शनि के कोप से बचने के लिये मंगलमूर्ति श्री गणेश की भक्ति भी बहुत मंगलकारी है। इसलिए शनिवार को श्री गणेश पूजन में 21 दूर्वा या मोदक का भोग लगाएं और काम पर जाते समय श्री गणेश मूर्ति से कार्यसिद्धी और शनि कोप व अनिष्ठ से रक्षा की कामना करें।
- शिव भक्ति शनि को प्रसन्न करती है। शनिवार को शिव जी को मात्र जल, दूध व बिल्वपत्र चढ़ाकर शनि दोष से रक्षा की प्रार्थना करें

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